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बेहला दुर्घटना : पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ का अवैध वातानुकूलित दफ्तर तोड़ने की तैयारी

प्रशासनिक सूत्रों ने बताया है कि यहां सड़क के आसपास अवैध निर्माण की वजह से सामान्य ट्रैफिक में काफी परेशानियां हो रही हैं। इसलिए अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे। इनमें कई दुकानें शामिल हैं। उसी में पार्थ चटर्जी का वह दफ्तर भी है। कोलकाता नगर निगम के साथ मिलकर कोलकाता पुलिस ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

07 Aug 2023

बेहला दुर्घटना : पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ का अवैध वातानुकूलित दफ्तर तोड़ने की तैयारी

कोलकाता। शुक्रवार को कोलकाता के बेहला में भयानक सड़क दुर्घटना में एक छह साल के मासूम बच्चे की रौंद कर मौत के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने सड़क के आसपास अवैध निर्माण को हटाकर फुटपाथ खाली करने की कवायद शुरू की है। यहां से विधायक और पूर्व मंत्री रहे पार्थ चटर्जी का एक अवैध दफ्तर भी इसकी जद में है जो फुटपाथ को दखलकर बनाया गया है। इसको भी तोड़ने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में एक साल से अधिक समय से प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद पार्थ का यहां सड़क किनारे एक अवैध दफ्तर है जो पूरी तरह से वातानुकूलित है।

प्रशासनिक सूत्रों ने बताया है कि यहां सड़क के आसपास अवैध निर्माण की वजह से सामान्य ट्रैफिक में काफी परेशानियां हो रही हैं। इसलिए अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे। इनमें कई दुकानें शामिल हैं। उसी में पार्थ चटर्जी का वह दफ्तर भी है। कोलकाता नगर निगम के साथ मिलकर कोलकाता पुलिस ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है। बेहला मेंटन के पास फुटपाथ पर विधायक और पूर्व मंत्री का वातानुकूलित दफ्तर है। उनके जेल जाने के बाद यह प्रायः बंद ही रहता है। उस पर ऊपर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर लगी है जिस पर लिखा है कि बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है।

सबसे पहले 2001 में बेहला पश्चिम से पार्थ चटर्जी ने विधायक के तौर पर चुनाव जीता था। दो बार से माकपा के विधायक रहे निर्मल मुखर्जी को हराकर पार्थ ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। विधायक बनने के तुरंत बाद मेंटन के इस इलाके में उन्होंने अपना दफ्तर खोला था जो पूरी तरह से अवैध था। यही से वह जनसंपर्क करते थे। जेल जाने से पहले तक इसी दफ्तर में बैठकर वह लोगों से बातचीत किया करते थे। 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पास की फुटपाथ पर भी एक और निर्माण उन्होंने करवाया था जहां वह खुद बैठा करते थे। इसके बाद से जब भी वह इस इलाके में आते थे तो इस दफ्तर में बैठकर लोगों से बातचीत करते थे। दावा है कि राज्य के मंत्री और दबंग नेता होने की वजह से पार्थ चटर्जी को कोई कुछ नहीं बोल पाता था। लेकिन अब जबकि वह जेल में हैं और बेहला में गत शुक्रवार को बड़ी सड़क दुर्घटना में सौरनिल नाम के छह साल के बच्चे की मौत के बाद जिस तरह से लोगों का गुस्सा फूटा है उसके बाद से प्रशासन ने यहां अवैध कब्जे को खाली कराने की कवायद शुरू कर दी है।

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